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User:Jairamversiani

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गणैश दैवजी का गायत्री मनत्र।-१-ऊँ ऐस दन्ताय विद महै वक्रतुँण्डाय धी मही तन्नूँ दन्ती प्रचो दयात २-ऊँ लम्बोद्राय विद महे महूद्राय धी मही तन्नूँ तन्ती प्रचो दयात ३- गुरू गायत्री मन्त्र- ऊँ गुरू देवाय विद महे प्रबि्रहमाय धी मही तन्नूँ गुरू प्रचो दयात